Monday 31 October 2016

छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011

 

छ.ग. लोक सेवा गारंटी अधिनियम वर्ष 2011 से छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किया गया है। जिसे छ.ग.शासन के कार्यों के संबंध में किन्ही सिविल सेवाओं अथवा पदों पर नियुक्त व्यक्तियों, स्थानीय निकायों, लोक प्राधिकारियों या अभिकरणों जो शासन के स्वामित्व, नियंत्रण में हैं या सारवान् रूप से वित्तीय सहायता प्राप्त हैं, उन पर लागू किया गया है।
स्थानीय निकाय से आशय है कि कोई प्राधिकारी, नगर पालिका, पंचायत या कोई अन्य निकाय जिसे किसी भी नाम से जाना जाता हो, जिसे छ.ग. राज्य के भीतर लोक सेवा प्रदान किये जाने के लिए निहित किया गया है या जो उसके स्थानीय सेवा में ऐसी सेवाओं का नियंत्रण, प्रबंधन या विनियमन करता हो।
नियत समय में लोक सेवा प्राप्त करने का अधिकार
प्रत्येक व्यक्ति को इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित नियत समय के भीतर छ0ग0 राज्य में लोक सेवा प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। नियत समय में लोक सेवा प्रदाय करने का दायित्व, परिव्यय का अधिरोपन, वसूली एवं भुगतान  
1. प्रत्येक विभाग इस अधिनियम के प्रारंभ होने के तिथि से लोक सेवा प्रदान करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति के पद को नामित किया जायेगा (पदाविहीत) तथा ऐसे तथ्य को सर्वसाधारण की जानकारी के लिए विभाग के किसी सहज दृश्य स्थान पर प्रदर्शित किया जायेगा।
2. उत्तरदायी व्यक्ति आवेदन प्राप्त होने पर आवेदक को एक अभिस्वीकृति देगा। आवेदक अपने आवेदन के संबंध में क्या कार्यवाही हुई, जानने का हकदार होगा।
3. लोक सेवा प्रदाय करने वाला उत्तरदायी प्रत्येक व्यक्ति निश्चित समय के भीतर सेवा प्रदान करने में असफल रहता है तो विलंब की अवधि के लिए 100/-रू. की दर से प्रत्येक दिन के लिए अधिकतम 1000/-रू. परिव्यय भुगतान करने का दायी होगा। यदि उत्तरदायी व्यक्ति आवेदक को सेवा प्रदान करने में असफल रहा तो उक्त राशि आवेदक को दिलाये जाने हेतु उत्तरदायी व्यक्ति से वसूली योग्य होगा।
सक्षम अधिकारी की नियुक्ति
प्रत्येक विभाग इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों को सक्षम अधिकारी के रूप में अधिसूचित करेगा जो लोक सेवा प्रदाय करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति की श्रेणी से निम्न का न हो।
लोक सेवा प्राप्त करने हेतु असत्य जानकारी प्रस्तुत करने पर दायित्व
कोई व्यक्ति लोक सेवा प्राप्त करने के लिए ऐसा आवेदन नहीं देगा जिसमें ऐसा तथ्य या जानकारी अंतर्विष्ट हो जिसे वह जानता है या विश्वास करने का कारण है कि वह असत्य है तथा वह जो ऐसा तथ्य या जानकारी प्रस्तुत करता है, उसम समय प्रवृत्त विधि के अधीन आपराधिक कार्यवाही के लिए दायी हो सकेगा।
अपील का अधिकार
कोई व्यक्ति जो इस अधिनियम के अधीन सक्षम अधिकारी द्वारा पारित आदेश से व्यथित हो आदेश की प्राप्ति से 30 दिवस के भीतर अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है।
अपीलीय अधिकारी अपील संस्थित होने के दिनांक से 45 दिवस की अधिकतम अवधि के भीतर अपील निराकृत करेगा, अपीलीय प्राधिकारी का आदेश अंतिम एवं बाध्यकारी होगा।

2 comments:
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  1. सक्षम अधिकारी के कार्य में देरी का हर्जाना के लिए किसे आवेदन प्रस्तुत किया जाता है

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