Thursday 27 October 2016

रैगिंग-एक गुनाह

 

छ.ग. शैक्षणिक संस्थाओं में प्रताड़ना(रैगिंग) का प्रतिषेध अधिनियम 2001:- यह अधिनियम छ.ग. राज्य शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग द्वारा छात्राओं के मानवीय एवं संवैधानिक मूल्यों का हनन होने से रोकने तथा संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है।
रैगिंग का अर्थ:- इस अधिनियम के अनुसार रैगिंग से अभिप्राय है कि किसी छात्र-छात्रा को मजाक पूर्ण व्यवहार से या अन्य प्रकार से ऐसा कार्य करने के लिये उत्प्रेरित बाध्य या मजबूर करना जिससे उसके मानवीय मूल्यों का हनन या उसके व्यक्तित्व का अपमान या उपहास होना दर्शित हो या उसे अभित्रास सदोष-परिरोध या क्षति या उस पर आपराधिक बल के प्रयोग या सदोष अवरोध सदोष परिरोध क्षति या आपराधिक बल का प्रयोग कर अभित्रास देते हुए किसी विधिपूर्ण कार्य करने से रोकता है।
शैक्षणिक संस्थाओं से अभिप्राय:- इस अधिनियम के अनुसार राज्य की कोई भी शासकीय स्वशासी एवं अशासकीय शैक्षणिक संस्थाएं शामिल है।
अधिनियम के विस्तार एवं प्रारम्भः- इस अधिनियम के प्रावधान सम्पूर्ण छ.ग. में लागू किए गए हैं तथा राज्य में राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 17.01.2012 से प्रवृत्त है।
रैगिंग का प्रतिषेधः- किसी भी शैक्षणिक संस्था का छात्र प्रत्यक्षतः अथवा अप्रत्यक्षतः न तो रैगिंग करेगा और न ही उसमें भाग लेगा।
अपराध की प्रकृतिः- इस अधिनियम के तहत संज्ञान किए जाने योग्य प्रत्येक अपराध संज्ञेय व गैर जमानतीय है।
दण्ड:- यदि किसी व्यक्ति के द्वारा अधिनियम की धारा 3 के उपबंधों का उल्लंघन किया जाता है वह साधारण या सश्रम कारावास (दोनो में से किसी भी भांति के कारावास) से जिसकी अवधि पॉंच वर्ष तक हो सकेगी या जुर्माना से जो कि पॉंच हजार रू. तक हो सकेगा, या दोनो से ही दण्डित किया जा सकेगा।
अपराध का बिचारण:- 
1. अधिनियम के तहत् दण्डनीय प्रत्येक अपराध का विचारण प्रथम वर्ग न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा किया जावेगा।
2. अधिनियम के उपबंधो के अधीन अपराधों के अन्वेषण, जॉंच तथा विचारण के अपराध प्रक्रिया संहिता 1973
(क्रमांक 2 सन् 1974) कि उपबंध लागू होंगे।
छात्र के निष्कासन के लिए निर्योग्यता:- 
1. यदि किसी छात्र के विरूद्ध इस अधिनियम के तहत कोई अन्वेषण लम्बित है तो उस शिक्षण संस्था का प्रमुख/अभियुक्त छात्र को शैक्षणिक संस्था से निलंबित तथा शैक्षणिक संस्था परिसर व छात्रावासों में प्रवेश वर्जित कर सकेगा।
2. किसी शैक्षणिक संस्था के किसी छात्र का जो इस अधिनियम के तहत सिद्धदोष पाया गया हो वह शैक्षणिक
संस्था के निष्कासन का भागी होगा।
3. ऐसे निष्कासित छात्र-छात्रा को या अन्य कोई व्यक्ति जो इस अधिनियम के अधीन सिद्धदोष पाया गया हो।

No comments:
Write comments

महत्वपूर्ण सूचना- इस ब्लॉग में उपलब्ध जिला न्यायालयों के न्याय निर्णय https://services.ecourts.gov.in से ली गई है। पीडीएफ रूप में उपलब्ध निर्णयों को रूपांतरित कर टेक्स्ट डेटा बनाने में पूरी सावधानी बरती गई है, फिर भी ब्लॉग मॉडरेटर पाठकों से यह अनुरोध करता है कि इस ब्लॉग में प्रकाशित न्याय निर्णयों की मूल प्रति को ही संदर्भ के रूप में स्वीकार करें। यहां उपलब्ध समस्त सामग्री बहुजन हिताय के उद्देश्य से ज्ञान के प्रसार हेतु प्रकाशित किया गया है जिसका कोई व्यावसायिक उद्देश्य नहीं है।
इस ब्लॉग की सामग्री का किसी भी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हमने सामग्री की सटीकता, पूर्णता, उपयोगिता या अन्यथा के संबंध में कोई ज़िम्मेदारी स्वीकार नहीं की है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी पर कार्य करने से पहले किसी भी जानकारी को सत्यापित / जांचें और किसी भी उचित पेशेवर से सलाह प्राप्त करें।

Category

03 A Explosive Substances Act 149 IPC 295 (a) IPC 302 IPC 304 IPC 307 IPC 34 IPC 354 (3) IPC 399 IPC. 201 IPC 402 IPC 428 IPC 437 IPC 498 (a) IPC 66 IT Act Aanand Math Abhishek Vaishnav Ajay Sahu Ajeet Kumar Rajbhanu Anticipatory bail Arun Thakur Awdhesh Singh Bail CGPSC Chaman Lal Sinha Civil Appeal D.K.Vaidya Dallirajhara Durg H.K.Tiwari HIGH COURT OF CHHATTISGARH Kauhi Lalit Joshi Mandir Trust Motor accident claim News Patan Rajkumar Rastogi Ravi Sharma Ravindra Singh Ravishankar Singh Sarvarakar SC Shantanu Kumar Deshlahare Shayara Bano Smita Ratnavat Temporary injunction Varsha Dongre VHP अजीत कुमार राजभानू अनिल पिल्लई आदेश-41 नियम-01 आनंद प्रकाश दीक्षित आयुध अधिनियम ऋषि कुमार बर्मन एस.के.फरहान एस.के.शर्मा कु.संघपुष्पा भतपहरी छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम छत्‍तीसगढ़ राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण जितेन्द्र कुमार जैन डी.एस.राजपूत दंतेवाड़ा दिलीप सुखदेव दुर्ग न्‍यायालय देवा देवांगन नीलम चंद सांखला पंकज कुमार जैन पी. रविन्दर बाबू प्रफुल्ल सोनवानी प्रशान्त बाजपेयी बृजेन्द्र कुमार शास्त्री भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मुकेश गुप्ता मोटर दुर्घटना दावा राजेश श्रीवास्तव रायपुर रेवा खरे श्री एम.के. खान संतोष वर्मा संतोष शर्मा सत्‍येन्‍द्र कुमार साहू सरल कानूनी शिक्षा सुदर्शन महलवार स्थायी निषेधाज्ञा स्मिता रत्नावत हरे कृष्ण तिवारी