प्रकरण की परिस्थितियों के अनुसार आरोपी द्वारा वरिष्ठ शासकीय अधिकारी होते हुए करोडों रूपये की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित किया है, इसलिए आरोपी के लिये नरमी बरता जाना उचित नहीं है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं छ0ग0 उच्च न्यायालय ने अपने अनेकों न्याय-सिद्धांतों में आरोपी द्वारा किये गये अपराध के आधार पर उसका दंड निर्धारित किये जाने की व्यवस्था दी है, धारा-16 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में भी यह प्रावधान किया गया है कि न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड की राशि निर्धारित करते समय अनुपातहीन संपत्ति की राशि का ध्यान रखेगा, प्रकरण की उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी दिलीप कुमार दीवान को निम्नलिखित दंडादेश दिया जाता है । भारतीय दण्ड विधान की धारा 467, 468, 471, 420, 200, 201 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 1301)(ई) सहपठित 130) के तहत....